Saturday, February 27, 2010

प्रेम रंग की होली

अनेकता मैं जो एकता से प्रतीत होते हैं |
जैसे इक धुन मैं पिरोये कई गीत होते हैं ||

फूलों को जो शोख़, आसमान को संगीन बनाते हैं|
रंगों मैं रंग मिलकर ,और भी रंगीन होते हैं ||

रंगों सा जीवन , जीवन का भी इक रंग है |
सुख मैं थोडा दुख मिला हुआ , कहीं कम , कहीं ज्यादा खिला हुआ है ||

बने मत रहो बेरंग, सब रंगों से मिल जाओ
छुटे न जो सदियों तक कुछ ऐसा रंग लगाओ ||

तन रंग लें , मन रंग लें , जीवन सारा रंग लें ||
आओ अबकी होली प्रेम रंग से खेलें ||

""आओ अबकी होली प्रेम रंग से खेलें""

3 comments:

Udan Tashtari said...

सुन्दर संदेश!!


ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.


आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.

-समीर लाल ’समीर’

Randhir Singh Suman said...

होली की शुभकामनाएं .nice

रानीविशाल said...

Bahut Sundar
Aapko sapariwar holi ki shubhkaamnaae!

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