अनेकता मैं जो एकता से प्रतीत होते हैं |
जैसे इक धुन मैं पिरोये कई गीत होते हैं ||
फूलों को जो शोख़, आसमान को संगीन बनाते हैं|
रंगों मैं रंग मिलकर ,और भी रंगीन होते हैं ||
रंगों सा जीवन , जीवन का भी इक रंग है |
सुख मैं थोडा दुख मिला हुआ , कहीं कम , कहीं ज्यादा खिला हुआ है ||
बने मत रहो बेरंग, सब रंगों से मिल जाओ
छुटे न जो सदियों तक कुछ ऐसा रंग लगाओ ||
तन रंग लें , मन रंग लें , जीवन सारा रंग लें ||
आओ अबकी होली प्रेम रंग से खेलें ||
""आओ अबकी होली प्रेम रंग से खेलें""
Saturday, February 27, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)