Tuesday, January 6, 2009
पक्के इरादे से नही
किसी पक्के इरादे से नही आसमान को केबल हम मन से छु सकते हैं ." महान सूफी संत रूमी "
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"ख़ुद मैं ख़ुद को ढूँढता फ़िर न मिला कोई हल, फ़िर वही है प्यास जगी फ़िर खड़ा ब्याकुल "
1 comment:
वाह प्रवीण भाई क्या खूब बात की है !
काश, हम सब अपनी ताकत को पहचान पाएं।
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