बस होंटों से छूने वाला हूँ ख्वहिस की तकदीर मुजसे लिपटी है \\
अब नदारत हर सितम से, नहीं जरूरते नसीहत ज़माने की \\
अब नदारत हर सितम से, नहीं जरूरते नसीहत ज़माने की \\
"ख़ुद मैं ख़ुद को ढूँढता फ़िर न मिला कोई हल, फ़िर वही है प्यास जगी फ़िर खड़ा ब्याकुल "